Close

    परिचय

    चार्टर एक्टए 1833, जिसे ब्रिटिश संसद द्वारा अधिनियमित किया गया था, के प्रयोग से भारतीय कानूनों के समेकन तथा संहिताकरण हेतु एक विधि आयोग की स्थाबपना की गई। उक्ति अधिनियम द्वारा भारत के गवर्नर जनरल इन काउंसिल के लिए एक चौथे साधारण सदस्य‍, जोकि कानून बनाने में विधिक विशेषज्ञ हो, को शामिल करने का प्रावधान किया गया। लॉर्ड मैकॉले को चौथे साधारण सदस्यई के रूप में नियुक्त किया गया तथा उन्हें कानून बनाने के लिए गवर्नर जनरल इन काउंसिल की बैठकों में भाग लेने का अधिकार दिया गया।

    1835 में, लॉर्ड मैकॉले को पहले विधि आयोग का अध्यैक्ष नियुक्त किया गया। सर जेम्स स्टी फन को लॉर्ड मैकॉले के स्था,न पर विधि सदस्यह के रूप में नियुक्तय किया गया। उस समय विधायी विभाग के नाम से एक पृथक विभाग एक सहायक मंत्री की देखरेख में गृह विभाग के एक उप-प्रभाग के रूप में कार्य कर रहा था जिसके द्वारा विधायन हेतु आवश्यखक विधेयकों का प्रारूप तैयार किया जाता था।

    1869 के दौरान, यह महसूस किया गया कि इतना महत्व पूर्ण दायित्वत एक पृथक विभाग को सौंपा जाना चाहिए तथा इस प्रकार विधायी विभाग के रूप में एक अलग विभाग बनाया गया। विधायी विभाग की संस्थाापना के बाद, विषवस्तुय पर कार्य कर रहे संबंधित विभाग द्वारा विधानों के लिए प्रस्ता्व प्रस्तुपत किए जाते थे तथा तत्प श्चासत, विधेयक का उत्त रदायित्वद विधायी विभाग का हुआ करता था। विधायी विभाग का मंत्री कानून बनाने के आशय से गठित वायसराय के काउंसिल का भी मंत्री हुआ करता था। वह तथा विधि सदस्यु काउंसिल के समक्ष रखे जाने वाले सभी विधेयकों का प्रारूपण करते थे। विधि आयोग के परिश्रम के कारण ही अनेक महत्वकपूर्ण अधिनियम उन्नीभसवीं सदी के अंत तक अधिनियमित हुए। कुछ के नाम हैं, भारतीय दण्ड। संहिता, जोकि अभी भी लागू है, लॉर्ड मैकॉले द्वारा किए गए मूल कार्यों की परिणति है। इसी प्रकार, तीसरे विधि आयोग की पहली रिपोर्ट में निहित प्रारूप ने सर हेनरी मेन के मार्गदर्शन में गवर्नर जनरल इन काउंसिल द्वारा पारित किए गए भारतीय उत्तीराधिकार अधिनियम का आधार तैयार किया था। इसके द्वारा सम्पसत्तिर के उत्त राधिकार पर मृत्युध तथा विवाह के प्रभाव से संबंधित कानून और विधेयकों से संबंधित कानून का संहिताकरण किया गया। दूसरी रिपोर्ट (1866) में एक ड्राफ्ट संविदा विधेयक शामिल है जिसे 1872 में सर जेम्सि स्टीिफन द्वारा पुन: अवलोकन के पश्चा6त कानून बना दिया गया।