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    पृष्ठभूमि और कृत्य

    राजभाषा खंड, विधि और न्या य मंत्रालय के विधायी विभाग के अधीन राजभाषा (विधायी) आयेाग का उत्त रवर्ती संगठन है । इसे निम्नयलिखित कृत्यय सौंपे गए हैं :–

    1. सभी राजभाषाओं में यथासंभव उपयोग के लिए मानक विधि शब्दावली तैयार करना और प्रकाशित करना ;
    2. राष्ट्रपति द्वारा प्रख्यालपित सभी केंद्रीय अधिनियमों, अध्याीदेशों और विनियमों के हिन्दी में प्राधिकृत पाठ तैयार करना ;
    3. राष्ट्रपति द्वारा प्रख्यालपित किसी केन्द्रीय अधिनियम या किसी अध्यादेश या विनियम के अधीन केंद्रीय सरकार द्वारा बनाए गए सभी नियमों, विनियमों और आदेशों के हिन्दी में प्राधिकृत पाठ तैयार करना ;
    4. राज्यों की अपनी-अपनी राजभाषा में राष्ट्रपति द्वारा प्रख्यापित सभी केन्द्रीय अधिनियमों, अध्यादेशों और विनियमों का प्राधिकृत पाठ तैयार करना तथा किसी राज्य में यदि ऐसे अधिनियमों या अध्यादेशों का पाठ हिन्दी के अतिरिक्त किसी अन्य भाषा में है, तो पारित किए गए सभी अधिनियमों और प्रख्यापित अध्यादेशों के हिन्दी में अनुवाद की व्यवस्था करना ; और
    5. ऐसे अन्य कर्तव्यों का पालन करना, जो भारत सरकार द्वारा उसे समय-समय पर सौंपे जाएं।

    पश्चायतवर्ती निम्नलिखित कृत्यों को भी राजभाषा खंड के कृत्यों में जोड़ा गया है

    1. विभिन्न विभागों के विलेखों, विधि दस्तावेजों जैसे संविदा, करार, पट्टे, बंधपत्रों आदि का हिन्दी अनुवाद ।
    2. राजभाषा अधिनियम, 1963 की धारा 3(3) के अधीन सभी कानूनी अधिसूचनाओं का हिन्दी अनुवाद ।
    3. राष्ट्रपति शासन के अधीन राज्य़ों की सरकारों द्वारा जारी किए गए कानूनी नियमों का हिन्दी अनुवाद ।
    4. संसद् के सभी प्रश्नों/उत्तरों, आश्वासनों आदि का हिन्दी अनुवाद जो विधि और न्याय मंत्रालय से संबंधित है ।
    5. हिन्दी बोलने वाले राज्यों से अधिकारियों को हिन्दी में विधायी प्रारूपण में प्रशिक्षण ।
    6. एकरूप शब्दायवली के विकास और हिन्दी के मानक खंडों के मॉडल बनाने और उनके प्रकाशन में समन्विय सुनिश्चिात करने के लिए हिन्दी बोलने वाले राज्योंि की समन्वयन समिति से संबंधित कार्य ।
    7. विधि और न्याय मंत्रालय की हिन्दी सलाहकार समिति से संबंधित कार्य ।
    8. विधि के क्षेत्र में राजभाषाओं के संवर्धन के लिए स्वैच्छिक संगठनों को अनुदान देने से संबंधित कार्य ।
    9. केन्द्रीय अधिनियमों के द्विभाषी संस्करणों का प्रकाशन (विधायी इतिहास सहित) और उनका प्रचार ।
    10. हिन्दी में और व्दिभाषी रूप से भी भारत संहिता को तैयार करना और उसका अनुरक्षण करना ।
    11. भारत के संविधान के प्रादेशिक भाषाओं में रूपांतर का प्रकाशन और उनके विमोचन के लिए व्यवस्थित कृत्य ।